Auricular Therapy acyually means acupuncture of the ear.It was discovered that the ear has some 200 acupunture points and treatment for certain diseases can
be done by inserting needles at those points.
It was Dr. Paul Nogier of France, who came to the conclusion that there are some acupunture points in the ear after making an extensive study of this system of treatment.He found the certain diseases were amenable to treatment if the needles are inserted at these points in the ear.This method came to be known as Auricular Therapy.Some call it'acupunture of the ear'.
In this system of auricular therapy it is accepted that all the blood vessels and viens go towards the ear.The ear is supposed to be an important part of the body-system as it is placed just under the brain.It may be interesting to note that the position of a child in the womb is very similar to the shape of outer ear.
For diagnosis of the disease in this method,various points in the ear are pressed to find out where it pains. Once this is decided and finalsed,the treatment is done by acupunture.
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'रीसेट' – Press the Reset Button On Your Life
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शुरू करने के लिए कोई रीसेट बटन होता जैसा मोबाइल या कम्प्युटर में होता हैहमारे पास बीते समय में लौटने के लिए कोई टाइम मशीन नहीं है लेकिन कुछ तो ऐसा है जिससे हम अपने जीवन को रीसेट या रीबूट कर सकते हैं एक ही मशीन सभी रोगो के तत्व का पता लगता है और उसे आप के आँख के सामने ही निकल देता है
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डिटॉक्सीफिकेशन
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए डाइट कंट्रोल, पर्याप्त पानी, आराम और ताजा हवा आवश्यक है। इसमें फिजिकल, मानसिक और इमोशनल फैक्टर काम करते हैं। इसके लिए जरूरी है डिटॉक्सीफिकेशन। यह आपके शरीर के लिए बसंत के मौसम में घर की सफाई जैसा ही है। यानी शरीर को चुस्त-दुरूस्त और तरो-ताजा रखने की प्रक्रिया है। जब आप मानसिक तनाव और शरीर के विकारों से मुक्त हो जाते हैं, तो शरीर में ऊर्जा का संचार हो जाता है।
अनहेल्दी डाइट, कब्ज, तनाव, दूषित पानी पीने, वातावरण में मौजूद दूषित तत्व श्वास के साथ शरीर में पहुंचने और चाय, कॉफी या अल्कोहल का अधिक सेवन करने से शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन यानी विष दूर करना बहुत जरूरी होता है। रक्त शुद्धिकरण : शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने से शारीरिक-तंत्र गड़बड़ाने लगता है। ऐसी स्थिति में डिटॉक्सीफिकेशन रक्त के शुद्धिकरण और अंदरूनी अंगों की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से जारी रखने के डिटॉक्सीफिकेशन के फायदे
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