डीटोक्स है क्या, और क्या है इसकी जरुरत
इस संसार में हर ब्यक्ति बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु प्राप्त करना चाहता है, पर इन्सान की कुछ चाहते होती है, महान लोगो के अनुभवों और सर्वे के अनुसार कुछ सात चाहतो को चुनकर निकाला गया है !
१- लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ,
२- बेहतर आमदनी, ईमानदारी के साथ,
३- मान-सम्मान,
४- देश-विदेश यात्रा,
५- शानदार घर, कार , बच्चो की बेहतर शिक्षा,
६- मानव सेवा और दूसरो को आर्थिक बनाने में मदद करना,
७- आर्थिक सफलता और तनाव-मुक्त जीवन,
पहले हम बात करेंगे अपनी लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ के बारे में,
समस्या :
1960 से 2014 के बीच हमारे देश में क्या हो रहा है?
हम देख सकते है कि हमारे वातावरण मे हम जो भी भोजन ले रहे है,पानी पी रहे है,श्वास ले रहे है उसके साथ हमारे शरीर में क्या जा रहा है ?
TOXIN..-(विषाक्त तत्व)
विषाक्त तत्व के शरीर में जाने से हमें बैक्टीरियल बीमारियाँ हो रही है और जरा से मात्र में विषाक्त तत्व शरीर में जाने से हमारी कोशिकाओ को नुकसान हो रहा है,
तो हमें लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ के लिए क्या करना चाहिए?
पानी
सबसे पहले हमें रोज १५ ग्लास पानी पीना चाहिए,
पानी डिटॉक्सीफिकेशन करता है, यानी पानी शरीर की गन्दगी को पेशाब के माध्यसे बाहर निकालता है,
हमारे शरीर से रोज 1.5 लीटर पेशाब शरीर से बाहर निकलना चाहिए,
एक्सरसाइज़, योगा
हमें रोज़ ३० मिनट एक्सरसाइज़, योगा करना चाहिए,
ये करने से जो पसीना बाहर आता है, यह भी गन्दगी निकलने का एक तरीका है,
बेलेन्स डाइट
यह सब ना मिलने से हमारा शरीर कमजोर और बीमार पड़ जाता है.
गन्दगी को कैसे रोके?
गन्दगी, गंदा पानी, प्रदूषित वातावरण, धुवा, यूरिया-खाद, केमिकल, पेस्टीसाइट वाला खाना जो हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है और जो हमें अंदर से कमजोर कर रहा है, आज के समय में हम वो ही खाना खा रहे है, जो हमारे जीभ को अच्छा लगता है, पर हमारे शरीर को प्रयाप्त मात्र में विटामिन्स नहीं मिलता.
समाधान
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए डाइट कंट्रोल, पर्याप्त पानी, आराम और ताजा हवा की आवश्कता है। इसमें शारीरिक, मानसिक और इमोशनल फैक्टर काम करते हैं। इसके लिए जरूरी है डिटॉक्सीफिकेशन। यह आपके शरीर के लिए बसंत के मौसम में घर की सफाई जैसा ही है। यानी शरीर को चुस्त-दुरूस्त और तरो-ताजा रखने की प्रक्रिया है। जब आप मानसिक तनाव और शरीर के विकारों से मुक्त हो जाते हैं, तो शरीर में ऊर्जा का संचार हो जाता है।
डिटॉक्सीफिकेशन के फायदे
- त्वचा की रंगत में निखार
- बेहतर तंत्रिका तंत्र
- पाचन तंत्र में सुधार
- शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी
- मेटाबॉलिज्म के फंक्शन में सुधार
जिस तरह पेड़ की जड़ -- तना-- शाखाऍ---पत्तिया होती है,
उसी तरह, हमारे शरीर में Cells ---Tissue---Organs---System कोशिका ----ऊतक - अंग—तंत्र होते है..
विषाक्त पानी से, विषाक्त वातावरण से और विषाक्त खाने से विषाक्त तत्वहमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है और हमारे शरीर में विषाक्त तत्वकी परत जम जाती है, और कोशिकाओ पर जब गन्दगी जमने से ही हमारे शरीर में तरह -तरह की बीमारिया होती है,
अगर हम अपने मशीनी प्राविधि के साथ में कहे तो डिटॉक्सीफिकेशन मशीन के माध्यम से हमारे शरीर के अन्दर खान पान, आचार विहार, के द्वारा हमारे शरीर के अंगो में जमे (टोक्सिन) विषाक्त तत्व (Ion Cleanse) को कोशिका झिल्ली के माध्यम से नमक और पानी के साथ Electrolysis प्रकिया द्वारा निकाला जाता है
इस मशीन को प्रयोग न करने की अवस्था
शरीर में जमे विषाक्त तत्व निकलने समय देखा जाने वाला अजीब लक्षण
शरीर में जमे विषाक्त तत्व निकलते समय देखे जाने वाले निचे लिखे हुवे अजीब शारीरिक लक्षण १०० में से ४ लोगो में देखे जा सकते है
मशीन उपयोग करने समय ध्यान देने वाली बाते
मशीन प्रयोग शुरू करने से पहले इस लेख के कम से कम ५ विषय पढ़ के ही जाये और पूर्ण जानकारी ले..
विषाक्त तत्व (Ion Cleanse) निकालकर जल्दी फ़ायदा लेने वाले उपाय
इस मशीन के उपयोग से जल्दी लाभ मिलने वाले रोग
इस मशीन के उपयोग के दौरान में यूरिक एसिड, बाथ, यूरिन इन्फेक्सन, गैस्टिक, अरुचि, अपच, एलर्जी, चमड़ी के रोग, मुहासे, पिनास, पैर मुख की दुर्घन्ध, कैलोस्ट्रोल, लीवर फैट, शरीर में गांठ इत्यादि ये रोग अन्य रोगों से जल्दी ही ठीक होते देखे गए है.. पर गंभीर रोग भी ठीक होते देखे गए है
विषाक्त तत्व (Ion Cleanse) निकलने के बाद ठीक होनेवाले रोग
सुगर, प्रेसर, कमजोर हड्डी, दबा हुवा शरीर के नस, पैर तथा शरीर में जलन, कब्जियत, अल्सर, एसिडिटी, शरीर में झमझमाहट, सर दर्द, दमा, जांडिस, पित्त और किडनी की पथरी, लीवर और किडनी की खराबी, हाइड्रोसिल, महिनावारी में कमर दर्द, पेट तथा फेफड़े में जमा हुवा पानी, टयूमर, अनिद्रा, कमर और पैर के दर्द, मधुमेह जैसे भी रोग ठीक होते है |
मशीन के बारे मे सत्य तथ्य
रोग बनाने वाले विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने वाले मशीन के बारें में
आधुनिक जीवनशैली, शहरी परिवेश की दौड़भाग और बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण, अच्छे दिखने की चाहत, स्वादिस्ट खाने की चाहत ने लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है और हमारे शरीर में टॉक्सिन की मौजूदगी को बढ़ा दिया है। ये टॉक्सिन हमारे शरीर के अंगो में ( खून, लीवर, किडनी और भी प्रमुख अंगो) में जम जाते है जो हमारे शरीर के अंगो की निष्क्रिय बनाते है जो भविष्य की परेशानी के कारण हो सकते है ऐसे कुछ लक्षण हैं जिन पर नजर रख कर आप पहचान सकते हैं कि आपको डिटॉक्सीफिकेशन की जरूरत है।
इस संसार में हर ब्यक्ति बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु प्राप्त करना चाहता है, पर इन्सान की कुछ चाहते होती है, महान लोगो के अनुभवों और सर्वे के अनुसार कुछ सात चाहतो को चुनकर निकाला गया है !
१- लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ,
२- बेहतर आमदनी, ईमानदारी के साथ,
३- मान-सम्मान,
४- देश-विदेश यात्रा,
५- शानदार घर, कार , बच्चो की बेहतर शिक्षा,
६- मानव सेवा और दूसरो को आर्थिक बनाने में मदद करना,
७- आर्थिक सफलता और तनाव-मुक्त जीवन,
पहले हम बात करेंगे अपनी लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ के बारे में,
समस्या :
1960 से 2014 के बीच हमारे देश में क्या हो रहा है?
- डॉक्टर्स की संख्या बढ़ रही है,
- मेडिकल स्टोर्स की संख्या बढ़ रही है,
- हॉस्पिटल्स की संख्या बढ़ रही है,
- इसका मतलब ये है कि बिमारियाँ बढ़ रही है,
हम देख सकते है कि हमारे वातावरण मे हम जो भी भोजन ले रहे है,पानी पी रहे है,श्वास ले रहे है उसके साथ हमारे शरीर में क्या जा रहा है ?
TOXIN..-(विषाक्त तत्व)
विषाक्त तत्व के शरीर में जाने से हमें बैक्टीरियल बीमारियाँ हो रही है और जरा से मात्र में विषाक्त तत्व शरीर में जाने से हमारी कोशिकाओ को नुकसान हो रहा है,
तो हमें लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ के लिए क्या करना चाहिए?
पानी
सबसे पहले हमें रोज १५ ग्लास पानी पीना चाहिए,
पानी डिटॉक्सीफिकेशन करता है, यानी पानी शरीर की गन्दगी को पेशाब के माध्यसे बाहर निकालता है,
हमारे शरीर से रोज 1.5 लीटर पेशाब शरीर से बाहर निकलना चाहिए,
एक्सरसाइज़, योगा
हमें रोज़ ३० मिनट एक्सरसाइज़, योगा करना चाहिए,
ये करने से जो पसीना बाहर आता है, यह भी गन्दगी निकलने का एक तरीका है,
बेलेन्स डाइट
यह सब ना मिलने से हमारा शरीर कमजोर और बीमार पड़ जाता है.
गन्दगी को कैसे रोके?
गन्दगी, गंदा पानी, प्रदूषित वातावरण, धुवा, यूरिया-खाद, केमिकल, पेस्टीसाइट वाला खाना जो हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है और जो हमें अंदर से कमजोर कर रहा है, आज के समय में हम वो ही खाना खा रहे है, जो हमारे जीभ को अच्छा लगता है, पर हमारे शरीर को प्रयाप्त मात्र में विटामिन्स नहीं मिलता.
समाधान
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए डाइट कंट्रोल, पर्याप्त पानी, आराम और ताजा हवा की आवश्कता है। इसमें शारीरिक, मानसिक और इमोशनल फैक्टर काम करते हैं। इसके लिए जरूरी है डिटॉक्सीफिकेशन। यह आपके शरीर के लिए बसंत के मौसम में घर की सफाई जैसा ही है। यानी शरीर को चुस्त-दुरूस्त और तरो-ताजा रखने की प्रक्रिया है। जब आप मानसिक तनाव और शरीर के विकारों से मुक्त हो जाते हैं, तो शरीर में ऊर्जा का संचार हो जाता है।
डिटॉक्सीफिकेशन के फायदे
- त्वचा की रंगत में निखार
- बेहतर तंत्रिका तंत्र
- पाचन तंत्र में सुधार
- शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी
- मेटाबॉलिज्म के फंक्शन में सुधार
जिस तरह पेड़ की जड़ -- तना-- शाखाऍ---पत्तिया होती है,
उसी तरह, हमारे शरीर में Cells ---Tissue---Organs---System कोशिका ----ऊतक - अंग—तंत्र होते है..
विषाक्त पानी से, विषाक्त वातावरण से और विषाक्त खाने से विषाक्त तत्वहमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है और हमारे शरीर में विषाक्त तत्वकी परत जम जाती है, और कोशिकाओ पर जब गन्दगी जमने से ही हमारे शरीर में तरह -तरह की बीमारिया होती है,
अगर हम अपने मशीनी प्राविधि के साथ में कहे तो डिटॉक्सीफिकेशन मशीन के माध्यम से हमारे शरीर के अन्दर खान पान, आचार विहार, के द्वारा हमारे शरीर के अंगो में जमे (टोक्सिन) विषाक्त तत्व (Ion Cleanse) को कोशिका झिल्ली के माध्यम से नमक और पानी के साथ Electrolysis प्रकिया द्वारा निकाला जाता है
इस मशीन को प्रयोग न करने की अवस्था
- मिर्गी के रोगियों के लिए ये मशीन वर्जित है
- शरीर के अन्दर किसी भी भाग में स्टिल या किसी अन्य धातु का प्रत्यारोपण किया गया है उसके लिए ये मशीन वर्जित है
- शरीर के किसी भी भाग में गहरा चोट, कोई भी बड़ा आप्रेसन, पुर्णतः ठीक न होने तक इस मशीन का प्रयोग वर्जित है
- महिलाओ के माहवारी, ख़तम हो ने के ४ दिन तक, गर्भवती महिला, या स्तनपान कराने वाली महिलाओ के लिए भी ये मशीन वर्जित है
- सुगर के ऐसे रोगी जो इन्सुलिन का प्रयोग कर रहे है उनके लिए भी ये मशीन वर्जित है
- ऐसे सभी लोग जो ये मशीन प्रयोग नहीं कर सकते उनके लिए भी विशेष जड़ी बूटी से बना हुवा पैक भी उपलब्ध है जिससे पैर के तलवे में बांध कर मशीन की तरह ही शरीर के अंगो में जमे विषाक्त तत्व को निकाल सकते है. ये पैक भी मशीन की तरह ही काम करती है, किन्तु समय अधिक लगता है
शरीर में जमे विषाक्त तत्व निकलने समय देखा जाने वाला अजीब लक्षण
शरीर में जमे विषाक्त तत्व निकलते समय देखे जाने वाले निचे लिखे हुवे अजीब शारीरिक लक्षण १०० में से ४ लोगो में देखे जा सकते है
- पहले से ही शरीर के किसी भाग में दर्द में और ज्यादा दर्द या किसी शरीर के नए जगह में दर्द तथा जलन हो सकती है, ये कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जायेगा
- किसी ब्यक्ति को बुखार आना, सर या बदन दुखना, शरीर में खुजली, खासी जुकाम होना ये सब शरीर के गदगी निकलने के अच्छे लक्षण है... ये कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जायेगा
- कुछ लोगो के पतला टट्टी, ज्यादा पिसाब या कब्जियत की शिकायत हो सकती है.. घबराए ने ये कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जायेगा
- कुछ लोगो में ज्यादा भूख, ज्यादा निंद्रा, ज्यादा प्यास या ज्यादा थकान महसूस हो सकती है.. घबराए ने ये अच्छे लक्षण है
- डीटोक्स शुरू करने पर सुरु के कुछ दिनों में एक या दो बार ऐसे लक्षण दिखते है, फिर स्वत ही समाप्त हो जाते है
- शरीर के अन्दर जमे हुवे विषाक्त तत्वों को गला कर निकालने की प्रकिया में खून में मिलने की प्रक्रिया के कारण ऐसे अजीब शारीरिक लक्षण देखे जा सकते है पर यही लक्षण धीरे धीरे, सफाई के क्रम में ख़त्म हो जाते है लेकिन अगर ये प्रकिया बीच में छोड़ दिया जाने पर ये लक्षण बढ़ सकते है.
मशीन उपयोग करने समय ध्यान देने वाली बाते
मशीन प्रयोग शुरू करने से पहले इस लेख के कम से कम ५ विषय पढ़ के ही जाये और पूर्ण जानकारी ले..
- मशीन प्रयोग करते समय मोबाईल बंद कर के ही रखे, और कोई भी विधुतीय उपकरण / घडी साथ में न रखे आप के इन उपकरणों में तकनीक समस्या आ सकती है..
- मशीन प्रयोग करते समय आधा घंटा तक पैर न हिलाए क्यों की शरीर के अलग अलग अंगो से अलग – अलग तरह के रंग निकलते है, जो पैर हिलाने से मिश्रित हो सकते है |
- अधिक फ़ायदा लेने के लिए कम से कम एक दिन के अंतर पर मशीन प्रयोग करे लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर या बृद्ध लोगो के लिए ३ से ४ दिन के अंतर पर ही मशीन प्रयोग करना चाहिए |
- कुछ लोगो को कुछ ही समय में इस मशीन के प्रयोग का लाभ मिल सकता है लेकिन शरीर के सभी अंगो से विषाक्त तत्वों को पूरा निकलने के लिए कम से कम १५ बार ( पूरा कोर्स ) करना पड़ता है, पूरा कोर्स करने के पश्चात शरीर से अधिक से अधिक विषाक्त तत्व को निकाला जा सकता है ..
- इस मशीन और इस मशीन की तकनीक के बारे में जिज्ञासा, शंका, दुविधा होने पर सिर्फ अनुभवी लोगो से ही पूछे |
- खाना खाने के पश्चात इस मशीन का प्रयोग अधिक लाभकारी है, लो प्रेसर, कमजोरी, सुगर के रोगी तथा अधिक उम्र के लोगो के लिए खाना खाने के ही पश्चात मशीन प्रयोग करना चाहिए |
- मन में किसी तरह की शंका/दुविधा को हटा कर निश्चिंत हो कर प्रसन्न मन से इस मशीन का प्रयोग करना अत्यंत ही लाभकारी होता है |
विषाक्त तत्व (Ion Cleanse) निकालकर जल्दी फ़ायदा लेने वाले उपाय
- कोर्स चलने की अवस्था में एक अच्छी डिटॉक्स डाइट में 60 प्रतिशत तरल और 40 प्रतिशत ठोस खाद्य पदार्थ होना चाहिए।डिटॉक्सीफिकेशन का पहला नियम है अपने शरीर को हाइड्रेड रखें।
- जूस: ढेर सारे फलों जैसे तरबूज, पपीता और खीरे का जूस पिएं, लेकिन अंगूर का रस न पिएं, क्योंकि यह डिटॉक्स प्रणाली में रुकावट पैदा करता है।
- सब्जियां: गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों, फूलगोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली को भोजन में प्रमुखता से शामिल करें। इनके अलावा प्याज भी एक अच्छा क्लीनजिंग एजेंट है। शलजम लीवर को डिटॉक्स करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीज में फ्लैक्स, सीसैम, सनफ्लावर और कद्दू काफी फायदेमंद हैं। फलों में पपीता और पाइन एप्पल क्लीनजिंग के लिए बहुत अच्छे हैं।
- कोर्स सुरु करने के दौरान ग्रीन टी का अधिक से अधिक प्रयोग करे कम से कम दिन में ३ बार या और अधिक..
- अपने स्वास्थ के अनुसार रस वाले फलो का सेवन/जूस /सूप का प्रयोग अधिक से अधिक करे..
- रस युक्त पोषक पदार्थ के सेवन से शरीर की गंदगी अधिक निकलती है
- कोर्स सुरु करने के दौरान पैर के तलवे को अक्युप्रेसर मेट से दबाव / अक्युप्रेसर चप्पल के प्रयोग से ज्यादा लाभ मिलता है..
- फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड / ज्यादा तेल मसाला / मांस मछली अंडा जैसे शरीर में ख़राब तत्व बनाने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन बंद कर दे..
इस मशीन के उपयोग से जल्दी लाभ मिलने वाले रोग
इस मशीन के उपयोग के दौरान में यूरिक एसिड, बाथ, यूरिन इन्फेक्सन, गैस्टिक, अरुचि, अपच, एलर्जी, चमड़ी के रोग, मुहासे, पिनास, पैर मुख की दुर्घन्ध, कैलोस्ट्रोल, लीवर फैट, शरीर में गांठ इत्यादि ये रोग अन्य रोगों से जल्दी ही ठीक होते देखे गए है.. पर गंभीर रोग भी ठीक होते देखे गए है
विषाक्त तत्व (Ion Cleanse) निकलने के बाद ठीक होनेवाले रोग
सुगर, प्रेसर, कमजोर हड्डी, दबा हुवा शरीर के नस, पैर तथा शरीर में जलन, कब्जियत, अल्सर, एसिडिटी, शरीर में झमझमाहट, सर दर्द, दमा, जांडिस, पित्त और किडनी की पथरी, लीवर और किडनी की खराबी, हाइड्रोसिल, महिनावारी में कमर दर्द, पेट तथा फेफड़े में जमा हुवा पानी, टयूमर, अनिद्रा, कमर और पैर के दर्द, मधुमेह जैसे भी रोग ठीक होते है |
मशीन के बारे मे सत्य तथ्य
- ये मशीन कार्य पद्दति योग के पाठकर्म, प्राकृतिक उपचार, आयुर्वेदिक उपचार के साथ मिलता है |
- १५ बार का एक कोर्स समाप्त करने के बाद ३-४ हफ्ते के अन्दर कितना फायदा है ये आप स्वयं महसूस कर सकते है, और बाहर चेक भी करा सकते है |
- ग्रीन टी,ऐक्युप्रेसर चप्पल, और अधिक से अधिक पानी के सेवन से पिछले दिनों के अपेक्षा अधिक ख़राब तत्व निकलता है, जो पानी के बदलते रंग से आप स्वयं महसूस कर सकते है |
- मशीन के द्वारा गलाए गए गंदगी को किडनी के माध्यम से पिशाब के रास्ते भी निकालता है |
- कमजोर शरीर, अधिक उम्र, तथा पानी की कमी से थोडा और देर से टाक्सिन निकलती है |
- इस मशीन के प्रयोग से दवा से जल्दी फायदा होना जरुरी नहीं है पर १५ दिन के कोर्स के समाप्त होने के ३-४ हफ्ते में आप स्वयं महसूस कर सकते है |
- ये मशीन शरीर के अन्दर जमे हुवे सिर्फ विषाक्त पदार्थ को ही निकालता है, शरीर के उपयोग में विटामिन, मिनरल, खून, वीर्य आदि नहीं खिचता |
- इस मशीन के प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट नही है, इस विषय को वैज्ञानिक डाक्टरों ने बहुत रिसर्च कर के प्रमाणित किया है..
- इन्ही सभी विशेषताऔ के कारण सन २००३ में केमिस्ट्री विषय के आधार पर इस तकनीक ने विश्व का सबसे बड़ा नोबेल पुरस्कार जीता है ..
रोग बनाने वाले विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने वाले मशीन के बारें में
आधुनिक जीवनशैली, शहरी परिवेश की दौड़भाग और बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण, अच्छे दिखने की चाहत, स्वादिस्ट खाने की चाहत ने लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है और हमारे शरीर में टॉक्सिन की मौजूदगी को बढ़ा दिया है। ये टॉक्सिन हमारे शरीर के अंगो में ( खून, लीवर, किडनी और भी प्रमुख अंगो) में जम जाते है जो हमारे शरीर के अंगो की निष्क्रिय बनाते है जो भविष्य की परेशानी के कारण हो सकते है ऐसे कुछ लक्षण हैं जिन पर नजर रख कर आप पहचान सकते हैं कि आपको डिटॉक्सीफिकेशन की जरूरत है।
- थकान और कमजोरी महसूस होना।
- हार्मोन संबंधी समस्या (मूड स्विंग)।
- ध्यान केंद्रन की समस्या।
- सिरदर्द और बदन दर्द।
- त्वचा संबंधी समस्याएं।
- पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं।
Thanks yaar Very informative...worth sharing
जवाब देंहटाएंA very educational tape esp.4the gitl child haters. An eye opener
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