आज के इस दौर में, जहाँ हमारे देशवासी छोटी-सी-छोटी तकलीफ के लिए बड़ी ही हाईपावर की दवा-गोलियों का इस्तेमाल कर अपने शरीर में जहर घोलते जा रहे हैं, वहीं हमारे ऋषि-महर्षियों द्वारा अनुभव कर प्रकाश में लाया गया एक अत्यधिक आसान प्रयोग, जिसे अपनाकर प्राचीनकाल से करोड़ो भारतवासी सदैव स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रहते हैं. आप भी उसे अपनाएं व सैकड़ो बीमारियों से छुटकारा पायें.
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सोमवार, 17 नवंबर 2014
शुक्रवार, 14 नवंबर 2014
30 प्लस के बाद भी जवां रहना है तो ये मत भूलना
30 की उम्र के बाद न केवल व्यक्ति की जिम्मेदारियां बढ़ती है बल्कि इस दौरान उसे स्वास्थ्य समस्याओं होने का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। जिससे शरीर अस्वस्थ होने लगता
है। इसके पीछे कई कारण हो सकते है, लेकिन फिर भी कुछ तरीको को अपनाकर 30 के बाद भी शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
30 के बाद शरीर की देखभाल
उम्र बढ़ने के साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है नियमित व्यायाम और सही भोजन। इसलिए 30 वर्ष के बाद अपने भोजन के प्रति अधिक सचेत हो जाना चाहिए और शरीर को चुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम भी करना चाहिए।
fitness-tips-after-30 तनाव रहित रहिए
तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। लेकिन न चाहते हुए भी हम अक्सर तनाव से घिरे रहते हैं। और उम्र बढने के साथ-साथ जीवन में आती परेशानियों में तनाव होना तो बहुत आम हो जाता है। तनाव अन्य प्रकार की समस्याओं जैसे उच्च रक्तचाप, निराशा व उदासी को जन्म देता है। इसलिए 30 के बाद अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तनावरहित रहने की कोशिश करें। इसके लिए तनावों के बारे में न सोचें, अपने मन को शांत रखने के लिए ऐसे रचनात्मक कार्य करें जो आपको पसन्द हो।
30 के बाद शरीर की देखभाल
उम्र बढ़ने के साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है नियमित व्यायाम और सही भोजन। इसलिए 30 वर्ष के बाद अपने भोजन के प्रति अधिक सचेत हो जाना चाहिए और शरीर को चुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम भी करना चाहिए।
fitness-tips-after-30 तनाव रहित रहिए
तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। लेकिन न चाहते हुए भी हम अक्सर तनाव से घिरे रहते हैं। और उम्र बढने के साथ-साथ जीवन में आती परेशानियों में तनाव होना तो बहुत आम हो जाता है। तनाव अन्य प्रकार की समस्याओं जैसे उच्च रक्तचाप, निराशा व उदासी को जन्म देता है। इसलिए 30 के बाद अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तनावरहित रहने की कोशिश करें। इसके लिए तनावों के बारे में न सोचें, अपने मन को शांत रखने के लिए ऐसे रचनात्मक कार्य करें जो आपको पसन्द हो।
गुरुवार, 13 नवंबर 2014
बाल काले करने और काले बने रहने के देशी नुस्खे
तुरई को काटकर नारियल तेल में उबालें व जब तुरई काली हो जाए,
तब उसे छानकर किसी बोतल में भर लें। रोजाना इस तेल को बालों में लगाएं। धीरे-धीरे बाल काले होने लगेंगे।
- तिल का तेल तो बालों के लिए अच्छा होता ही है। साथ ही, इसका सेवन भी बहुत लाभ पहुंचाता है। अगर आप अपने भोजन में तिल को शामिल कर लें तो आपके बाल लंबे समय तक काले और घने बने रहेंगे।
- सिर धोने के लिए शिकाकाई पाउडर या माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करें।
- एक कप चाय का पानी उबालकर उसमें एक चम्मच नमक मिलाएं। इस मिश्रण को बाल धोने से एक घंटे पहले बालों में लगाएं। बाल काले होने लगेंगे।
2 चम्मच हिना पाउडर, 1 चम्मच दही, 1 चम्मच मेथी, 3 चम्मच कॉफी, 2 चम्मच तुलसी पाउडर, 3 चम्मच पुदीना पेस्ट मिलाकर बालों में लगाएं। तीन घंटे बाद शैम्पू करें। कम उम्र में सफेद हुए बाल फिर काले हो जाएंगे।
- तिल का तेल तो बालों के लिए अच्छा होता ही है। साथ ही, इसका सेवन भी बहुत लाभ पहुंचाता है। अगर आप अपने भोजन में तिल को शामिल कर लें तो आपके बाल लंबे समय तक काले और घने बने रहेंगे।
- सिर धोने के लिए शिकाकाई पाउडर या माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करें।
- एक कप चाय का पानी उबालकर उसमें एक चम्मच नमक मिलाएं। इस मिश्रण को बाल धोने से एक घंटे पहले बालों में लगाएं। बाल काले होने लगेंगे।
2 चम्मच हिना पाउडर, 1 चम्मच दही, 1 चम्मच मेथी, 3 चम्मच कॉफी, 2 चम्मच तुलसी पाउडर, 3 चम्मच पुदीना पेस्ट मिलाकर बालों में लगाएं। तीन घंटे बाद शैम्पू करें। कम उम्र में सफेद हुए बाल फिर काले हो जाएंगे।
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Your Arrival From _/\_
SASKVNS
ज़िंदगी को कीजिए
'रीसेट' – Press the Reset Button On Your Life
ज़िंदगी हमें हर समय किसी-न-किसी मोड़ पर उलझाती रहती है.
हम अपने तयशुदा रास्ते से भटक जाते हैं और मंजिल आँखों से ओझल हो जाती है. ऐसे में
मैं हमेशा से यही ख्वाहिश करता आया हूँ कि काश मेरे पास ज़िंदगी को नए सिरे से
शुरू करने के लिए कोई रीसेट बटन होता जैसा मोबाइल या कम्प्युटर में होता हैहमारे पास बीते समय में लौटने के लिए कोई टाइम मशीन नहीं है लेकिन कुछ तो ऐसा है जिससे हम अपने जीवन को रीसेट या रीबूट कर सकते हैं एक ही मशीन सभी रोगो के तत्व का पता लगता है और उसे आप के आँख के सामने ही निकल देता है
कोई एलोपैथिक होमियोपैथिक आयुर्वेदिक दवा नहीं
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डिटॉक्सीफिकेशन
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए डाइट कंट्रोल, पर्याप्त पानी, आराम और ताजा हवा आवश्यक है। इसमें फिजिकल, मानसिक और इमोशनल फैक्टर काम करते हैं। इसके लिए जरूरी है डिटॉक्सीफिकेशन। यह आपके शरीर के लिए बसंत के मौसम में घर की सफाई जैसा ही है। यानी शरीर को चुस्त-दुरूस्त और तरो-ताजा रखने की प्रक्रिया है। जब आप मानसिक तनाव और शरीर के विकारों से मुक्त हो जाते हैं, तो शरीर में ऊर्जा का संचार हो जाता है।
अनहेल्दी डाइट, कब्ज, तनाव, दूषित पानी पीने, वातावरण में मौजूद दूषित तत्व श्वास के साथ शरीर में पहुंचने और चाय, कॉफी या अल्कोहल का अधिक सेवन करने से शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन यानी विष दूर करना बहुत जरूरी होता है। रक्त शुद्धिकरण : शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने से शारीरिक-तंत्र गड़बड़ाने लगता है। ऐसी स्थिति में डिटॉक्सीफिकेशन रक्त के शुद्धिकरण और अंदरूनी अंगों की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से जारी रखने के डिटॉक्सीफिकेशन के फायदे
-:
- बेहतर तंत्रिका तंत्र
- पाचन तंत्र में सुधार
- शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी
- मेटाबॉलिज्म के फंक्शन में सुधार