सोमवार, 17 नवंबर 2014

सैंकड़ो बीमारियों का एक इलाज -प्रातः जल सेवन

आज के इस दौर में, जहाँ हमारे देशवासी छोटी-सी-छोटी तकलीफ के लिए बड़ी ही हाईपावर की दवा-गोलियों का इस्तेमाल कर अपने शरीर में जहर घोलते जा रहे हैं, वहीं हमारे ऋषि-महर्षियों द्वारा अनुभव कर प्रकाश में लाया गया एक अत्यधिक आसान प्रयोग, जिसे अपनाकर प्राचीनकाल से करोड़ो भारतवासी सदैव स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रहते हैं. आप भी उसे अपनाएं व सैकड़ो बीमारियों से छुटकारा पायें.

शुक्रवार, 14 नवंबर 2014

30 प्लस के बाद भी जवां रहना है तो ये मत भूलना

30 की उम्र के बाद न केवल व्यक्ति की जिम्मेदारियां बढ़ती है बल्कि इस दौरान उसे स्वास्थ्य समस्याओं होने का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। जिससे शरीर अस्वस्थ होने लगता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते है, लेकिन फिर भी कुछ तरीको को अपनाकर 30 के बाद भी शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
30 के बाद शरीर की देखभाल
उम्र बढ़ने के साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है नियमित व्यायाम और सही भोजन। इसलिए 30 वर्ष के बाद अपने भोजन के प्रति अधिक सचेत हो जाना चाहिए और शरीर को चुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम भी करना चाहिए।

fitness-tips-after-30 तनाव रहित रहिए
तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। लेकिन न चाहते हुए भी हम अक्सर तनाव से घिरे रहते हैं। और उम्र बढने के साथ-साथ जीवन में आती परेशानियों में तनाव होना तो बहुत आम हो जाता है। तनाव अन्य प्रकार की समस्याओं जैसे उच्च रक्तचाप, निराशा व उदासी को जन्म देता है। इसलिए 30 के बाद अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तनावरहित रहने की कोशिश करें। इसके लिए तनावों के बारे में न सोचें, अपने मन को शांत रखने के लिए ऐसे रचनात्मक कार्य करें जो आपको पसन्द हो।


गुरुवार, 13 नवंबर 2014

बाल काले करने और काले बने रहने के देशी नुस्खे


तुरई को काटकर नारियल तेल में उबालें व जब तुरई काली हो जाए, तब उसे छानकर किसी बोतल में भर लें। रोजाना इस तेल को बालों में लगाएं। धीरे-धीरे बाल काले होने लगेंगे।
- तिल का तेल तो बालों के लिए अच्छा होता ही है। साथ ही, इसका सेवन भी बहुत लाभ पहुंचाता है। अगर आप अपने भोजन में तिल को शामिल कर लें तो आपके बाल लंबे समय तक काले और घने बने रहेंगे।
- सिर धोने के लिए शिकाकाई पाउडर या माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करें।
- एक कप चाय का पानी उबालकर उसमें एक चम्मच नमक मिलाएं। इस मिश्रण को बाल धोने से एक घंटे पहले बालों में लगाएं। बाल काले होने लगेंगे।
2 चम्मच हिना पाउडर, 1 चम्मच दही, 1 चम्मच मेथी, 3 चम्मच कॉफी, 2 चम्मच तुलसी पाउडर, 3 चम्मच पुदीना पेस्ट मिलाकर बालों में लगाएं। तीन घंटे बाद शैम्पू करें। कम उम्र में सफेद हुए बाल फिर काले हो जाएंगे।

Detox and Benefits

Maintain better health, loose weight easier and faster, slow down the ageing process and have less aches and pains.The Ion-Cleanse Process generates a 
stream of positive and negative ions (charged atoms) which attract and attach themselves to oppositely charged toxic particles and draws them out of the body through the skin. Each session takes about 30 minutes.The array goes into the water with the hands feet or body and the power supply delivers a small amount of direct current into the array which causes the metals within it in combination with water and salt to generate positively and negatively charged ions.These are some of the benefits that you will experience from using the Detox Foot Spa. Relax for 30 minutes while your body's natural detoxification process is aided and unwanted impurities are eliminated through the pores in your feet.Stress and poor diet introduces toxins to your body, causing an imbalance in the natural energy

बुधवार, 5 नवंबर 2014

डिटॉक्सीफिकेशन

कैसे कार्य करता है डिटॉक्सीफिकेशन ?
  • शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए लीवर को प्रोत्साहित करता है।
  • किडनी, आंत और त्वचा से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज करता है।
  • रक्त का परिसंचरण सुधारता है।
  • शरीर को स्वस्थ पोषक तत्वों से दोबारा भर देता है।
  • इस मशीन के प्रयोग से शरीर के अंगो में जमीं टॉक्सिन को गला कर निकाला जाता है जिससे हम अपने को निर्भीक हो कर स्वस्थ महसूस कर सकते है..
  • जैसे हम अपने घर की सफाई करते है, अपने वाहन की रिपेयरिंग करते है बस ठीक उसी तरह इस प्रकिया से मशीन के द्वारा अपने शरीर की सफाई करते है, जिससे हमारे शरीर के ख़राब हुवे अंग, कमजोर अंग सभी मजबूत हो कर हमें खुशियों की अनुभूति करते है ..
  • बहुतो को दवा के उपचार से फ़ायदा न हो कर इस मशीन के प्रयोग से लाभ मिला है |
  • आरामदायक प्रयोग, बिना किसी दवा के इस चमत्कारी मशीन का उपयोग करना ख़ुशी की बात है
  • जिज्ञासा, शंका होने पर पूछने से अच्छा इस मशीन का प्रयोग और स्वयं परिक्षण कर के विश्वास पा सकते है |
  • इस तकनीक के वैज्ञानिक प्रविधि के आधार, तर्कपूर्ण करके अनुमान करने का कष्ट न करे, बस एक पूरा कोर्स करके अनुभव और प्रमाण का विश्वास अनुभव करे |

डीटोक्स है क्या, और क्या है इसकी जरुरत

डीटोक्स है क्या, और क्या है इसकी जरुरत
इस संसार में हर ब्यक्ति बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु प्राप्त करना चाहता है, पर इन्सान की कुछ चाहते होती है, महान लोगो के अनुभवों और सर्वे के अनुसार कुछ सात चाहतो को चुनकर निकाला गया है !
                                                                      

१- लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ,
२- बेहतर आमदनी, ईमानदारी के साथ,
३- मान-सम्मान,
४- देश-विदेश यात्रा,
५- शानदार घर, कार , बच्चो की बेहतर शिक्षा,
६- मानव सेवा और दूसरो को आर्थिक बनाने में मदद करना,
७- आर्थिक सफलता और तनाव-मुक्त जीवन,







पहले हम बात करेंगे अपनी लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ के बारे में,

समस्या :

1960 से 2014 के बीच हमारे देश में क्या हो रहा है?
  1. डॉक्टर्स की संख्या बढ़ रही है,

मंगलवार, 4 नवंबर 2014

डीटोक्स ( Detoxification) है क्या ?

साफ पानी में पैर रखिये
३० मिनट बाद उसी पानी में शरीर के विषाक्त तत्व देखिये
ज़िंदगी को कीजिए 'रीसेट' – Press the Reset Button On Your Life

ज़िंदगी हमें हर समय किसी-न-किसी मोड़ पर उलझाती रहती है. हम अपने तयशुदा रास्ते से भटक जाते हैं और मंजिल आँखों से ओझल हो जाती है. ऐसे में हम हमेशा से यही ख्वाहिश आये है की कि काश मेरे पास ज़िंदगी को नए सिरे से शुरू करने के लिए कोई रीसेट बटन होता जैसा मोबाइल या कम्प्युटर में होता है,
यकीनन, हमारे पास बीते समय में लौटने के लिए कोई टाइम मशीन नहीं है लेकिन कुछ तो ऐसा है जिससे हम

शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2014

पंचकर्म है शरीर की अंदरूनी सफाई

पंचकर्म - आयुर्वेदिक पूर्ण मद्यहरण एवं शुद्धिकरण
 
पंचकर्म आयुर्वेद का एक प्रमुख शुद्धिकरण एवं मद्यहरण उपचार है। पंचकर्म का अर्थ पाँच
विभिन्न चिकित्साओं का संमिश्रण है। इस प्रक्रिया का प्रयोग शरीर को बीमारियों एवं कुपोषण द्वारा छोड़े गये विषैले पदार्थों से निर्मल करने के लिये होता है। आयुर्वेद कहता है कि असंतुलित दोष अपशिष्ट पदार्थ उतपन्न करता है जिसे ’अम’ कहा जाता है। यह दुर्गंधयुक्त, चिपचिपा, हानिकारक पदार्थ होता है जिसे शरीर से यथासंभव संपूर्ण रूप से निकालना आवश्यक है। ’अम’ के निर्माण को रोकने के लिये आयुर्वेदिक साहित्य व्यक्ति को उचित आहार देने के साथ उपयुक्त जीवन शैली, आदतें तथा व्यायाम पर रखने, तथा पंचकर्म जैसे एक उचित निर्मलीकरण कार्यक्रम को लागू करने की सलाह देते हैं।