एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बरतें ये सावधानियां इस पद्धति में
इलाज से पहले यह जान ले कि रोग किस अंग से संबंधित है। उसका प्रतिबिंब
केंद्र जानने के बाद उपचार करें। प्रतिबिंब केंद्रों के परीक्षण से किस अंग
में विकार है पता चल जाता है। यदि किसी केंद्र पर प्रेशर देने से रोगी को
बहुत दर्द हो तो समझो, उस केंद्र से संबंधित अंग में कोई विकार है। प्रेशर
देने का ढंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। हाथ के अंगूठे हाथ की तीसरी अंगुली,
एक अंगुली पर दूसरी अंगुली रखकर हाथ की मध्य की तीन अंगुलियों के कार्य तथा
हथेली के साथ कर सकते है। अंगूठा या अंगुली बिल्कुल सीधी खड़ी करके प्रेशर
नहीं देना चाहिये। प्रेशर देने के लिये अंगूठा या अंगुली एक ही स्थान पर
टिका कर घड़ी की सुई की तरह गोल बाईं से दाईं तरफ दिया जाये। इससे शीघ्र लाभ
मिलता है। तरल पदार्थ या पाउडर लगा कर भी प्रेशर दे सकते हैं। यदि हाथों
या पैरों की चमड़ी सख्त हो तो उपकरणों से भी प्रेशर दे सकते हैं। लकडी, रबड़
या प्लास्टिक की धारी वाले रोलर से पैरों में स्थित अनेक
प्रतिबिंब
केंद्रों पर दबाव दिया जा सकता है। अंगूठा या अंगुली बिल्कुल सीधी खड़ी करके
प्रेशर नहीं देना चाहिये। प्रेशर देने के लिये अंगूठा या अंगुली एक ही
स्थान पर टिका कर घड़ी की सुई की तरह गोल बाईं से दाईं तरफ दिया जाये इससे
शीघ्र लाभ मिलता है। तरल पदार्थ या पाउडर लगा कर भी प्रेशर दे सकते हैं।
यदि हाथों या पैरों की चमड़ी सख्त हो तो उपकरणों से भी प्रेशर दे सकते हैं।
लकडी, रबड़ या प्लास्टिक की धारी वाले रोलर से पैरों में स्थित अनेक
प्रतिबिंब केंद्रों पर दबाव दिया जा सकता है। घुटनों तथा टखनों के साथ वाला
उंगलियों के नीचे वाला तथा हाथों-पैरों का ऊपरी भाग दूसरे भागों से कुछ
अधिक नरम होता है। इन भागों पर दबाव कम तथा धीरे-धीरे देना चाहिये। प्रेशर
देने की अवधि रोग के अनुसार हर चिकित्सक का विचार भिन्न-भिन्न है। कोई 2 से
5 मिनट तक तथा कोई कुछ सैंकेंड तक ही प्रेशर देने का सुझाव देते हैं।
चिरकालिक रोगों में पहले सप्ताह प्रतिदिन, उस के बाद सप्ताह में दो या तीन
बार प्रेशर देना चाहिये। कुछ रोगांे जैसे गठिया, घुटनों के दर्द में आलू के
गर्म पानी या अमर बेल को पानी में गर्म करके सेक करने से बहुत आराम मिलता
है और लगातार करने से दर्द भी ठीक हो जाता है। इससे सूजन भी नहीं रहती।
प्रेशर देने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी है। हाथों के नाखून
बढ़े हुये न हो। शरीर में लचक तथा ढीलापन लाने के लिये प्रेशर देने से
पहले थोड़ी देर के लिये गहरे और लंबे सांस लेने चाहिये। शरीर पर थोड़ा तरल
पदार्थ या पाउडर लगाना चाहिये। इससे गहरा प्रेशर दिया जा सकता है। रोग
निवारण के लिए रोगी को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिये। कुछ ऐसे
रोग भी हैं जैसे रीढ की हड्डी, साइटिका वात, नाड़ी का दर्द, जिनमें डाॅक्टर
कुछ दिन आराम करने के लिये कहते हैं। ऐसे रोगों के लिये आराम जरूरी है।
स्वस्थ व्यक्तियों को भी हाथों तथा पैरों में सारे प्रतिबिंब पर प्रेशर
देना चाहये इससे स्वास्थ्य को वर्षों तक कायम रखा जा सकता है। चिरकालिक
रोगों के लिये एक्यूप्रेशर के अतिरिक्त प्रतिदिन त्रिधातु पेय लेने से भी
रोगों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ आवलें का पेय भी ले सकते हैं। दोनों
में कोई एक पेय लेना ही लाभकारी है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
sharethis
Like Us On Facebook
Please Wait 10 Seconds...!!!Skip
Archive
मेरे बारे में
Translate
Our Facebook
कुल पेज दृश्य
Popular Posts
-
तुरई को काटकर नारियल तेल में उबालें व जब तुरई काली हो जाए, तब उसे छानकर किसी बोतल में भर लें। रोजाना इस तेल को बालों में लगाएं। धीर...
-
कैसे कार्य करता है डिटॉक्सीफिकेशन ? शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए लीवर को प्रोत्साहित करता है। किडनी, आंत और त्वचा से विषैले पदार्...
-
डीटोक्स है क्या, और क्या है इसकी जरुरत इस संसार में हर ब्यक्ति बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु प्राप्त करना चाहता है, पर इन्सान की कुछ चाहते ह...
-
"बिना खर्च किये ही रोगों से बचकर तन्दुरुस्त बनो" नई एवं पुरानी प्राणघातक बीमारियाँ दूर करने के लिए यह एक अत्यंत सरल एवं बहुत बढ़...
-
20 वर्षों से डायबिटीज झेल रहीं 65 वर्षीय महिला जो दिन में दो बार इन्सुलिन लेने को विवश थीं, आज इस रोग से पूर्णत: मुक्त होकर सामान्य सम्पूर...
-
Rajiv Dixit was an Indian social activist. He started social movements, in order to spread awareness on topics of Indian national interes...
-
30 की उम्र के बाद न केवल व्यक्ति की जिम्मेदारियां बढ़ती है बल्कि इस दौरान उसे स्वास्थ्य समस्याओं होने का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। जिससे शर...
-
शिरोधारा में सिर के ऊपर तेल की एक पतली धारा निरन्तर बहायी जाती है। पंचकर्म (अर्थात पाँच कर्म) आयुर्वेद की उत्कृष्ट चिकित्सा विधि है...
-
Diagnosis of the Disease In this system of treatment the body is supposed to be a sort of eletrical system.Life electricity flows throug...
-
हम इससे पहले आयुर्वेदिक दवाओं में गोलियों, वटियों भस्म व पिष्टी की जानकारी आपको दे चुके हैं। आयुर्वेद के कुछ चूर्ण, जो दैनिक जीवन में बहुत...
Your Arrival From _/\_
SASKVNS
ज़िंदगी को कीजिए
'रीसेट' – Press the Reset Button On Your Life
ज़िंदगी हमें हर समय किसी-न-किसी मोड़ पर उलझाती रहती है.
हम अपने तयशुदा रास्ते से भटक जाते हैं और मंजिल आँखों से ओझल हो जाती है. ऐसे में
मैं हमेशा से यही ख्वाहिश करता आया हूँ कि काश मेरे पास ज़िंदगी को नए सिरे से
शुरू करने के लिए कोई रीसेट बटन होता जैसा मोबाइल या कम्प्युटर में होता हैहमारे पास बीते समय में लौटने के लिए कोई टाइम मशीन नहीं है लेकिन कुछ तो ऐसा है जिससे हम अपने जीवन को रीसेट या रीबूट कर सकते हैं एक ही मशीन सभी रोगो के तत्व का पता लगता है और उसे आप के आँख के सामने ही निकल देता है
कोई एलोपैथिक होमियोपैथिक आयुर्वेदिक दवा नहीं
Search in Google
aok ion cleanse
अमेरिकन टेक्नोलॉजी
१०० % सुरक्षित
आसान और विश्वसनीय तरीका
किसी साइड एफ्फेट का डर नहीं
संका दुःख टेंसन भी दूर
हमारी सेवाएं :-
a. Detoxification b. BCM Machine
डिटॉक्सीफिकेशन
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए डाइट कंट्रोल, पर्याप्त पानी, आराम और ताजा हवा आवश्यक है। इसमें फिजिकल, मानसिक और इमोशनल फैक्टर काम करते हैं। इसके लिए जरूरी है डिटॉक्सीफिकेशन। यह आपके शरीर के लिए बसंत के मौसम में घर की सफाई जैसा ही है। यानी शरीर को चुस्त-दुरूस्त और तरो-ताजा रखने की प्रक्रिया है। जब आप मानसिक तनाव और शरीर के विकारों से मुक्त हो जाते हैं, तो शरीर में ऊर्जा का संचार हो जाता है।
अनहेल्दी डाइट, कब्ज, तनाव, दूषित पानी पीने, वातावरण में मौजूद दूषित तत्व श्वास के साथ शरीर में पहुंचने और चाय, कॉफी या अल्कोहल का अधिक सेवन करने से शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन यानी विष दूर करना बहुत जरूरी होता है। रक्त शुद्धिकरण : शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने से शारीरिक-तंत्र गड़बड़ाने लगता है। ऐसी स्थिति में डिटॉक्सीफिकेशन रक्त के शुद्धिकरण और अंदरूनी अंगों की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से जारी रखने के डिटॉक्सीफिकेशन के फायदे
-:
- बेहतर तंत्रिका तंत्र
- पाचन तंत्र में सुधार
- शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी
- मेटाबॉलिज्म के फंक्शन में सुधार
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें