1.
अमरबेल : 250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा
रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते
हैं।
2. त्रिफला : त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का
चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो
जाता है।
3. कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस
उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो
जाते हैं।
4. नीम : नीम और बेर के पत्तों को
पानी के साथ पीसकर सिर पर लगा लें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो
डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
5. लहसुन : लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
6. सीताफल : सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर
पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
7. आम : 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
8. शिकाकाई : शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर
इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो
दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश
करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को
धोकर और बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और
चमकदार बन जाते हैं। गर्मियों में यह प्रयोग सही रहता है। इससे बाल सफेद
नहीं होते अगर बाल सफेद हो भी जाते हैं तो वह काले हो जाते हैं।
9.
मूली : आधी से 1 मूली रोजाना दोपहर में खाना-खाने के बाद, कालीमिर्च के साथ
नमक लगाकर खाने से बालों का रंग साफ होता है और बाल लंबे भी हो जाते हैं।
इसका प्रयोग 3-4 महीने तक लगातार करें। 1 महीने तक इसका सेवन करने से कब्ज,
अफारा और अरुचि में आराम मिलता है।
नोट : मूली जिसके लिए फयदेमन्द हो वही इसका प्रयोग कर सकते हैं।
10. आंवला : सूखे आंवले और मेंहदी को समान मात्रा में लेकर शाम को पानी
में भिगो दें। प्रात: इससे बालों को धोयें। इसका प्रयोग लगातार कई दिनों तक
करने से बाल मुलायम और लंबे हो जायेंगे।
11. ककड़ी : ककड़ी में सिलिकन
और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से
बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते
हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस
प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
12. रीठा
* कपूर कचरी
100 ग्राम, नागरमोथा 100 ग्राम, कपूर तथा रीठे के फल की गिरी 40-40 ग्राम,
शिकाकाई 250 ग्राम और आंवले 200 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी का चूर्ण
तैयार कर लें। इस मिश्रण के 50 ग्राम चूर्ण में पानी मिलाकर लुग्दी (लेप)
बनाकर बालों में लगाना चाहिए। इसके पश्चात् बालों को गरम पानी से खूब साफ
कर लें। इससे सिर के अन्दर की जूं-लींकें मर जाती हैं और बाल मुलायम हो
जाते हैं।
* रीठा, आंवला, सिकाकाई तीनों को मिलाने के बाद बाल धोने से बाल सिल्की, चमकदार, रूसी-रहित और घने हो जाते हैं।
13. गुड़हल : * गुड़हल के फूलों के रस को निकालकर सिर में डालने से बाल बढ़ते हैं।
* गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें। इस लुग्दी को नहाने से 2 घंटे
पहले बालों की जड़ों में मालिश करके लगायें। फिर नहायें और इसे साफ कर लें।
इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहने से न केवल बालों को पोषण मिलेगा,
बल्कि सिर में भी ठंड़क का अनुभव होगा।
* गुड़हल के पत्ते और फूलों को
बराबर की मात्रा में लेकर पीसकर लेप तैयार करें। इस लेप को सोते समय बालों
में लगाएं और सुबह धोयें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से बाल
स्वस्थ बने रहते हैं।
* गुड़हल के ताजे फूलों के रस में जैतून का तेल
बराबर मिलाकर आग पर पकायें, जब जल का अंश उड़ जाये तो इसे शीशी में भरकर रख
लें। रोजाना नहाने के बाद इसे बालों की जड़ों में मल-मलकर लगाना चाहिए। इससे
बाल चमकीले होकर लंबे हो जाते हैं।
14. शांखपुष्पी : शांखपुष्पी से निर्मित तेल रोज लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
15. भांगरा :
* बालों को छोटा करके उस स्थान पर जहां पर बाल न हों भांगरा के पत्तों के
रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकलते हैं जिनके बाल
टूटते हैं या दो मुंहे हो जाते हैं। उन्हें इस प्रयोग को अवश्य ही करना
चाहिए।
* त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह
से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम
तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी
भी बढ़ती है।
* आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले
में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे
खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7 भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं।
प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही
बालों का सफेद होना बन्द जाता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र
को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
* भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की
गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी
के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से
बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
16. अनन्तमूल : अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण 2-2 ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से सिर का गंजापन दूर होता है।
17. तिल :
* तिल के पौधे की जड़ और पत्तों के काढ़े से बालों को धोने से बालों पर काला रंग आने लगता है।
* काले तिलों के तेल को शुद्ध करके बालों में लगाने से बाल असमय में सफेद
नहीं होते हैं। प्रतिदिन सिर में तिल के तेल की मालिश करने से बाल हमेशा
मुलायम, काले और घने रहते हैं।
* तिल के फूल और गोक्षुर को बराबर मात्रा में लेकर घी और शहद में पीसकर लेप बना लें। इसे सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
* तिल के तेल की मालिश करने के एक घंटे बाद एक तौलिया गर्म पानी में
डुबोकर उसे निचोड़कर सिर पर लपेट लें तथा ठण्डा होने पर दोबारा गर्म पानी
में डुबोकर निचोड़कर सिर पर लपेट लें। इस प्रकार 5 मिनट लपेटे रखें। फिर
ठंड़े पानी से सिर को धो लें। ऐसा करने से बालों की रूसी दूर हो जाती है।बालों के लिए चिकित्सा
Vindhyachal Tiwari
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ज़िंदगी को कीजिए
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ज़िंदगी हमें हर समय किसी-न-किसी मोड़ पर उलझाती रहती है.
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मैं हमेशा से यही ख्वाहिश करता आया हूँ कि काश मेरे पास ज़िंदगी को नए सिरे से
शुरू करने के लिए कोई रीसेट बटन होता जैसा मोबाइल या कम्प्युटर में होता हैहमारे पास बीते समय में लौटने के लिए कोई टाइम मशीन नहीं है लेकिन कुछ तो ऐसा है जिससे हम अपने जीवन को रीसेट या रीबूट कर सकते हैं एक ही मशीन सभी रोगो के तत्व का पता लगता है और उसे आप के आँख के सामने ही निकल देता है
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अनहेल्दी डाइट, कब्ज, तनाव, दूषित पानी पीने, वातावरण में मौजूद दूषित तत्व श्वास के साथ शरीर में पहुंचने और चाय, कॉफी या अल्कोहल का अधिक सेवन करने से शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन यानी विष दूर करना बहुत जरूरी होता है। रक्त शुद्धिकरण : शरीर में विषाक्त तत्वों का स्तर बढ़ने से शारीरिक-तंत्र गड़बड़ाने लगता है। ऐसी स्थिति में डिटॉक्सीफिकेशन रक्त के शुद्धिकरण और अंदरूनी अंगों की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से जारी रखने के डिटॉक्सीफिकेशन के फायदे
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