सिरदर्द एक ऐसी समस्या है जिसका व्यक्ति आए दिन शिकार होता है यह रोग कभी कभी स्वत: ठीक हो जाता है तो कभी कभी दवा लेने के बाद भी ठीक जल्दी ठीक नहीं होता है और रोगी को काफी दिनों तक परेशान होता पड़ता है |
आयुर्वेद में 11 प्रकार के सिरदर्द बताये गए है उनमे से माइग्रेन भी एक है इसमें भ्रकुटी, कर्ण, नेत्र, ललाट के आधे भाग में काफी तेज दर्द होता है और आरी से काटने जैसे वेदना होती है | माइग्रेन का सिरदर्द कई दिनों तक बना रहता है कुछ लोग कई महीनो बाद इसका शिकार होते है इस रोग का औषधियो से संतोष जनक उपचार अभी नही खोजा जा सका है |
माइग्रेन कई कारणों से होता है | यह कब्ज, पेट, गैस, जिगर या पित्ताशय में गड़बड़ी, पुराना नजला जुकाम गर्दन में रीढ़ की हड्डी के विकार ग्रस्त होने, कान या दांत दर्द से होता है | नसों में खिंचाव, तिल्ली का बढ़ना, सर में ट्यूमर, मानसिक अशांति, आखों के रो तथा निरंतर चिंता के कारण भी माइग्रेन होता है |
कई लोग कुछ विशेष वस्तु के खाने पीने से इसका शिकार हो जाते है महिलाये इसका ज्यादा शिकार होती है ये रोग हारमोंस असंतुलन, जननांगो में विकार, हिस्टीरिया, मिर्गी और पेशाब के रोग के कारण भी होता है |
औषधियों से माइग्रेन को दूर नहीं किया जा सकता है लेकिन एक्यूप्रेशर से बिना किसी दवा के इस रोग को पूरी तरह दूर किया जा सकता है |
एक्यूप्रेशर एक चामत्कारीक चिकित्सा पद्धति है जिसमे हाथों तथा पैरों के कुछ विशेष केन्द्रों पर हाथ के अंगूठे से दबाव डालकर या मालिश करके कई रोगों को दूर किया जा सकता है इन केन्द्रों का शरीर के विभिन्न अंगो से सीधा संपर्क होता है यह आसान चिकित्सा पद्धति है जिससे बच्चे बूढ़े जवान सभी स्वयं अपना इलाज कर सकते है इस पद्धति से उपचार करने से रोगी को कोई नुक्सान नहीं पहुचता है |
इस पद्धति से माइग्रेन का उपचार करते समय सर्वप्रथम हाथो और पैरो के अंगूठो के साथ एक दो मिनट का तथा उसके बाद दोनों हाथो के ऊपर त्रिकोण स्थान पर दो तीन मिनट तक मालिश जैसा दबाव दिया जाता है आघात की स्थिति में इन केन्द्रों पर दबाव देने से दर्द कम हो जाता है | या बिलकुल दूर हो जाता है |
हाथो और पैरो की उंगलियों के चारो तरफ के केन्द्रों का मस्तिष्क से सीधा संपर्क होता है | और उन पर दबाव डालने से मानसिक तनाव दूर होता है | हाथो और पैरो की मालिश करने में समान दबाव डालना चाहिए |
एक्यूप्रेशर से दिन दो बार उपचार देना संभव नहीं हो तो दिन में कभी भी दिया जा सकता है | सभी केन्द्रों पर दबाव देने में पंद्रह से बीस मिनट लगते है
आमतौर पर एक्यूप्रेशर से रोगी दस से पंद्रह दिन में बिलकुल ठीक हो जाते है | रोग पुराना होने पर इसमें ज्यादा समय भी लग सकता है यह निर्दोष व चामत्कारिक चिकित्सा पद्धति है, जिससे रोगी को अवश्य लाभ मिलता है |
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